___जय क्षात्र धर्म जय वीर धीर सिंह पुण्डीर जय महाराज पुण्डरीक___
कल पाठको को पुण्डीर वंश की उतपत्ती बताइ आज " सतमासा " कथा के बारे मे बताया जाएगा !
पुण्डरी के राजा मंढेश्वर का पुत्र राजा सुफे देव ( सुफा सिंह) हुआ , इनकेे ससुराल ( नाम नही पता ) मे कुछ अनबन होने के कारण पुण्डरी राज्य पर कबजा करने हेतू सुफे सिंह के सालो नेधोके से इनकी हत्या करदी थी ! तब इनकी रानी जो 7माह के गर्भ से थी जब सति होने चिता पर बैठी तब " बिहारीदास "नामक जगा भाट ने रानी से पुण्डरी उत्तराधिकारी की मांग करी , तब रानी मे कटार से अपना पेट चीरकर 7 माहँ के उस बाल्क को भाट को सौंप दिया और सति होगई !
माता रानी सती के आशिर्वाद से पुण्डीर क्षत्रियो मे 7 माहँ का जन्मा बालक जिवीत रहता है व अन्यो की भांति कद , काठी मे लंबा चौडा होता हैं...दुर्भाग्यवष आज यह कथा सतमासा आज पुण्डीर राजपूत भूल गए जो कि हमारी आने वाली पिढी के लिए शुभ संकेत नही है...!
वर्तमान मे पुण्डीर राजपूतो के यहाँ 9 माह कि जगह 7 माहँ मे जन्मो है और दूसरो से हष्ट , पुष्ट भी ! 2 सतमासे हमारे परिवार मे भी जन्मे है....
" आगे आपको पुण्डीर क्षत्रियो की वंशावली सहित पुण्डरी में राज्य कायम करने से जमना पार आने तक के इतिहास पर प्रकाश डाला जाएगा "
धन्यावाद !
------ " श्री क्षत्रिय राजपूत इतिहास शौध संसथान " सहारनपुर.
शौधकर्ता :- यश प्रताप सिंह अंब्हैटा चाँद ( कुँवर बिसलदेव के पुण्डीर)
+91-8755011059......
रजा धीर सिंह पुंडीर की जय हो
ReplyDeleteरजा धीर सिंह पुंडीर की जय हो
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