Sunday, 30 October 2016

पुण्डीर इतिहास - मंजोपरी कांड

जय श्री राम  जय क्षात्र धर्म  स्वाभिमान अमर रहे 


सूर्यकुल पुण्डीर वंश पुस्तक मे मैने गाँव स्तर पर जो एतिहासिक घटनाए हुइ थी  उनका भी वर्णन किया है  , जो  मुझे लगता है आने वाले वर्षो मे ये भी पुण्डीर इतिहास का  अंग बनेगा... 



मंजोपरी कांड --------- वर्तमान मे पुण्डीर क्षत्रियो के गाँव  " अंब्हैटा चाँद " गाँव के स्थित खेत  ( ढाक्के)  जहाँ है  वहा पहले कभी मंजोपरी नामक गाँव हुआ करता था  , जिसके  अवशेष आज भी दिखाइ देते है  , व खुदाइ के दोरान वहाँ पुराने बर्तन  , कुआ आदि एसी वस्तू मिली जो यहाँ पर पुरानी बसती या गाँव होने का संकेत देते है.  !


क्यू उजडा गांव मंजोपरी  ? 

गाँव के बडे बुजूर्ग व भाट  बताते है  अंग्रेजो के काल तक यहाँ मंजोपरी गाँव था  जहा सैनी जाती के लोग रहते  थे  , गर्मी के मौसम मे बेहट क्षेत्र के किसी गाँव के  ठाकुर ने अंब्हैटा चाँद के ठाकुर समय सिंह को  आम भिजवाए जिनहे कशयप जाती का वय्कती लेकर आ रहा था  ! वह रासते मे मंजोपरी गाँव मे रूका और अंब्हैटा चाँद गाँव का पता पूछने लगा तब वहाँ  के  चौधरी ने  पुछा  इस पेटीयो मे क्या है  ? तब ज्वाब दिया की  ठाकुर सहाब के लिए आम है  , तब उस सैनी ने उस से आम ले लिए और आमो को चुसकर वापस गुठली अंदर घुसा दी और तब उस आम लाने वाले को भेद दिया  !  कुछ देर बाद वह गाँव आया उस समय समय सिंह जी खेतो पर थे व उनके भाइ अभय सिंह घेर मे विश्राम कर रहे  थे  तो उनहोने उस कश्यप के घबराए चहरे को देखा और पुछा क्या बात है  , तब तक समय सिंह वहाँ गुदाला ( लंबा सरिया जिस से गड्ढा खोदा जाता है  ) लेकर पहुचे और उनके पुछने पर उस कश्यप ने सब कुछ सच सच बता दिया , यह बात समय सिंह जी को  सहन नही हुइ  ! समय सिंह जी बहोत बलवान और लंबे चोडे वयक्ती थे  वह  तुरंत वही गुदाला लेकर मंजोपरी गाँव चल पडे,  वहाँ वो सैनी  अपनी बैठक मे खाट पर लेटा हुआ था  , तभी  ठाकुर समय सिंह जी ने वह गुदाला उसकी छाती पर मारा और आर पार कर दिया  , गाँव के चौधरी की मोत देख कर मंजोपरी मे भगदड मच गइ ! ठाकुर समय सिंह पुण्डीर को पुलिस पकडकर ले गइ  व फांसी की सजा सुनाइ किंतू उनकेबलिष्ठ शरीर व रूप को देखकर एक अंग्रेज अफसर की पत्नी ने उनकी सजा माफ कराकर रिहा करा दिया  !

यह सूचना मंजोपरी वालो को लग गइ की समय सिंह रिहा हो गया है  तब उनको अपनी जान का खतरा होने लगा  , इसी कारण  वहाँ के लोग पलायन कर दूसरी जगह चले गए व वर्तमान  म्यानगी गाँव जहाँ सैनी जाती रहती है व कुछ घर पुण्डीर राजपूतो के वहाँ आकर बसे  !

तब से मंजोपरी गाँव सारा उजाड हो गया वर्तमान  मे वहाँ अंब्हैटा चाँद गाँव वालो के खेत है  !

" श्री क्षत्रिय इतिहास शौध संसथान  "  , सहारनपुर 

शोधकर्ता - यश प्रताप सिंह अंब्हैटा चाँद ( कुँवर बिसलदेव के पुण्डीर  ) 
+91-8755011059 

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