Sunday, 2 October 2016

पुण्डीर क्षत्रियो की वंशावली व गोत्राचार्य

सूर्यकुल पुण्डीर वंश 

वंश - सूर्य.
गौत्र - पौलिस्त / पुलत्सय.
प्रवर - महार्षि पौलिस्त  , महार्षि दंभौली , महार्षि विश्वाश्रवस.
कुल - पुण्डरीक / पुण्डीर / पुण्ढीर.
शाखा - तीसरी शताबदी के महाराज पुण्डरीक द्वितीय से.
निकास - अयोध्या से तिलांगाना व तिलंगाना से हरियाणा ( < करणाल, कुरूक्षेत्र,  कैथल > ) व पुण्डरी से मायापुर (7 हरिद्वार व पश्चिम उत्तर प्रदेश).
कुलदेवी - दधिमाता ( जिला - नागौर  ,तहसील - जायल , गाँव - गौठ मंगलोद :- राजस्थान )
कुलदेवता - महादेव.
पक्षि - सफेद चील.
नदी - सर्यू.
पेड - कदंब.


भगवान श्री राम के पुत्र की 158वीं पिढी मे महाराज पुण्डरीक द्वितीय हुए ( नौट-158 पिढीयो के नाम उपस्थित है यहाँ नही लिखे जा रहे है) 


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महाराज पुण्डरीक द्वितीय ( तीसरी शताबदी के अंत मे) -- असम -- धनवंत -- बाहुनिक - राजा लक्षण कुमार (  तिलंगदेव :- तिलंगाना शहर बसाया ) -- जढेश्नर ( जढासुर :- कुरूक्षेत्र स्नान हेतू सपरिवार व सेना सहित कुरूक्षेत्र पधारे ) -- मंढेश्वर ( मँढासुर :- सिंधुराज की पुत्री अल्पदे से विवाह कर कैथल क्षेत्र दहेज मे प्राप्त किया व " पुण्डरी " नगर की स्थापना हुइ)  -- राजा सुफेदेव -- राजा इशम सिंह ( सतमासा :- इस कथा का वर्णन पिछले ब्लोग मे कर चुका हूँ ) -- सीरबेमस -- बिडौजी -- राजा कदम सिंह ( निमराणा के चौहान शस्क हरिराय से दूसरे युद्ध मे पराजय मिली व इनके पुत्र हंस ने मायापुरी मे राज्य कायम कर 1440 गाँवो पर अधिकार किया) -- हंस ( वासुदेव) -- राजा कुंथल ( मायापुर के स्वामी बने व इनके 12 पुत्र हुए)  

1- अजट सिंह ( इनके पुण्डीर वंशज गोगमा  , हिनवाडा आदि गाँव मे है जो जिला शामली मे है  )
2- अणत सिंह ( इनके पुण्डीर वंशज दूधली  , कसौली  , कछ्छौली आदि गाँव मे है  )
3- लाल सिंह ( अविवाहित) 
4- नौसर सिंह ( पता नही) 
5- सलाखनदेव ( मायापुर राज्य मे रहा) 


राजा सुलखन ( सलाखन देव)  के 2 पुत्र हुए  !



1- राजा चाँद सिंह पुण्डीर ( मायापुरी के राजा बने व दिल्ली पति संम्राट प्रथ्विराज चौहान के सामंत बने व इनका पुत्र पंजाब का सुबेदार बना  , इस वीर चाँद सिंह की वीरता प्रथ्विराज रासौ मे स्वर्ण अक्षरो मे अमर है) 
2-राजा गजै सिंह पुण्डीर ( यहं गंगा पार कर एटा  , अलिगढ क्षेत्र गए व इनके वंशज 82 गाँव मे विराजमान है )

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राजा चाँद सिंह पुण्डीर के 7 पुत्र हुए 

1- वीर योद्धा धीर सिंह पुण्डीर 
2- कुँवर अजय देव 
3- कुँवर उदय देव 
4- कुँवर बिसलदेव 
5- कुवर सौविर सिंह 
6- कुँवर साहब सिंह 
7- कुंवर वीर सिंह 

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इनमे धीर सिंह पुण्डीर मीरो से लडते हुए वीर गती को प्रापत हुए व इनके पुत्र पावस पुण्डीर तराई के अंतिम युद्घ मे प्रथ्विराज चौहान के सहयोगी बन कर लौहाना आजानबाहू का सर काटकर वीरगती को प्राप्त हुए  !

चांद सिंह के इन पुत्रो के वंशज आज सहारनपुर  जिले मे विराजमान है जिनके ठिकानो कि संख्या कम से कम 120-130 है....... 

-------- आगे आपको पुण्डीर वंश के और इतिहास से परिचित कराया जाएगा  , क्युकी अन्य वंशौ कि भांति इतिहास मे पुण्डीर वंश पर कोइ इतिहासकार प्रकाश नही डाल पाया  , मेरी यही कोशिश है कि इतिहास प्रेमी क्षत्रियो के इस पुण्डीर कुल के बारे मे भी जाने -------

       
            धन्यवाद

"श्री क्षत्रिय राजपूत इतिहास शौध संसथान  , सहारनपुर " +91-8755 011059 

शौधकर्ता :- यश प्रताप सिंह अंब्हैटा चाँद ( कुँवर बिसलदेव के पुण्डीर ) 
पुस्तक :- " सूर्यकुल पुण्डीर वंश " ( अप्रकाशित  )..........

18 comments:

  1. बहुत खूब लिखा है भाई,अपने वंश के बारे में

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  2. बड़े भाई यह किताब कहा पर मिलेगी

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    1. Sir Mera naam Surendra pratap singh Pundhir hai, main Sikandrarao(District-Hatras)se belong karta hun, is information ke lia dhanyavaad, hamari peedhi main koi iss bare main jaankari nahi deta.
      Thanks & Regards

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  3. बहुत सुन्दर
    जय हो
    बहुत बहुत धन्यवाद

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  4. Nice sir i àm from Bisunshera Distt Bulandshahar UP basically my forgrand father from Tapri Saharanpur UP

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  5. बहुत खूब बड़ा अच्छा लगा पड़कर

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  6. Hame iss jankari ke liye dhanyabad 🙏🙏🙏

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  7. kush k vansaj h na Sir pundir

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  8. Sir starting kaha se h hmare vans ki

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  9. Sikandrarao District Hathras ke Pundhiro ka gotra kya hai

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