सूर्यकुल पुण्डीर वंश
वंश - सूर्य.
गौत्र - पौलिस्त / पुलत्सय.
प्रवर - महार्षि पौलिस्त , महार्षि दंभौली , महार्षि विश्वाश्रवस.
कुल - पुण्डरीक / पुण्डीर / पुण्ढीर.
शाखा - तीसरी शताबदी के महाराज पुण्डरीक द्वितीय से.
निकास - अयोध्या से तिलांगाना व तिलंगाना से हरियाणा ( < करणाल, कुरूक्षेत्र, कैथल > ) व पुण्डरी से मायापुर (7 हरिद्वार व पश्चिम उत्तर प्रदेश).
कुलदेवी - दधिमाता ( जिला - नागौर ,तहसील - जायल , गाँव - गौठ मंगलोद :- राजस्थान )
कुलदेवता - महादेव.
पक्षि - सफेद चील.
नदी - सर्यू.
पेड - कदंब.
भगवान श्री राम के पुत्र की 158वीं पिढी मे महाराज पुण्डरीक द्वितीय हुए ( नौट-158 पिढीयो के नाम उपस्थित है यहाँ नही लिखे जा रहे है)
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महाराज पुण्डरीक द्वितीय ( तीसरी शताबदी के अंत मे) -- असम -- धनवंत -- बाहुनिक - राजा लक्षण कुमार ( तिलंगदेव :- तिलंगाना शहर बसाया ) -- जढेश्नर ( जढासुर :- कुरूक्षेत्र स्नान हेतू सपरिवार व सेना सहित कुरूक्षेत्र पधारे ) -- मंढेश्वर ( मँढासुर :- सिंधुराज की पुत्री अल्पदे से विवाह कर कैथल क्षेत्र दहेज मे प्राप्त किया व " पुण्डरी " नगर की स्थापना हुइ) -- राजा सुफेदेव -- राजा इशम सिंह ( सतमासा :- इस कथा का वर्णन पिछले ब्लोग मे कर चुका हूँ ) -- सीरबेमस -- बिडौजी -- राजा कदम सिंह ( निमराणा के चौहान शस्क हरिराय से दूसरे युद्ध मे पराजय मिली व इनके पुत्र हंस ने मायापुरी मे राज्य कायम कर 1440 गाँवो पर अधिकार किया) -- हंस ( वासुदेव) -- राजा कुंथल ( मायापुर के स्वामी बने व इनके 12 पुत्र हुए)
1- अजट सिंह ( इनके पुण्डीर वंशज गोगमा , हिनवाडा आदि गाँव मे है जो जिला शामली मे है )
2- अणत सिंह ( इनके पुण्डीर वंशज दूधली , कसौली , कछ्छौली आदि गाँव मे है )
3- लाल सिंह ( अविवाहित)
4- नौसर सिंह ( पता नही)
5- सलाखनदेव ( मायापुर राज्य मे रहा)
5- सलाखनदेव ( मायापुर राज्य मे रहा)
राजा सुलखन ( सलाखन देव) के 2 पुत्र हुए !
1- राजा चाँद सिंह पुण्डीर ( मायापुरी के राजा बने व दिल्ली पति संम्राट प्रथ्विराज चौहान के सामंत बने व इनका पुत्र पंजाब का सुबेदार बना , इस वीर चाँद सिंह की वीरता प्रथ्विराज रासौ मे स्वर्ण अक्षरो मे अमर है)
2-राजा गजै सिंह पुण्डीर ( यहं गंगा पार कर एटा , अलिगढ क्षेत्र गए व इनके वंशज 82 गाँव मे विराजमान है )
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राजा चाँद सिंह पुण्डीर के 7 पुत्र हुए
1- वीर योद्धा धीर सिंह पुण्डीर
2- कुँवर अजय देव
3- कुँवर उदय देव
4- कुँवर बिसलदेव
5- कुवर सौविर सिंह
6- कुँवर साहब सिंह
7- कुंवर वीर सिंह
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इनमे धीर सिंह पुण्डीर मीरो से लडते हुए वीर गती को प्रापत हुए व इनके पुत्र पावस पुण्डीर तराई के अंतिम युद्घ मे प्रथ्विराज चौहान के सहयोगी बन कर लौहाना आजानबाहू का सर काटकर वीरगती को प्राप्त हुए !
चांद सिंह के इन पुत्रो के वंशज आज सहारनपुर जिले मे विराजमान है जिनके ठिकानो कि संख्या कम से कम 120-130 है.......
-------- आगे आपको पुण्डीर वंश के और इतिहास से परिचित कराया जाएगा , क्युकी अन्य वंशौ कि भांति इतिहास मे पुण्डीर वंश पर कोइ इतिहासकार प्रकाश नही डाल पाया , मेरी यही कोशिश है कि इतिहास प्रेमी क्षत्रियो के इस पुण्डीर कुल के बारे मे भी जाने -------
धन्यवाद
"श्री क्षत्रिय राजपूत इतिहास शौध संसथान , सहारनपुर " +91-8755 011059
शौधकर्ता :- यश प्रताप सिंह अंब्हैटा चाँद ( कुँवर बिसलदेव के पुण्डीर )
पुस्तक :- " सूर्यकुल पुण्डीर वंश " ( अप्रकाशित )..........
bohat badiya yash bhai...
ReplyDeletedhanyavad rana ji
Deleteबहुत खूब लिखा है भाई,अपने वंश के बारे में
ReplyDeleteबड़े भाई यह किताब कहा पर मिलेगी
ReplyDeleteSir Mera naam Surendra pratap singh Pundhir hai, main Sikandrarao(District-Hatras)se belong karta hun, is information ke lia dhanyavaad, hamari peedhi main koi iss bare main jaankari nahi deta.
DeleteThanks & Regards
Bahot sundar
ReplyDeleteBhot bdiya bde bhai
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteजय हो
बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks
ReplyDeleteBilkul Sahi
ReplyDeleteNice sir i àm from Bisunshera Distt Bulandshahar UP basically my forgrand father from Tapri Saharanpur UP
ReplyDeleteबहुत खूब बड़ा अच्छा लगा पड़कर
ReplyDeleteHame iss jankari ke liye dhanyabad 🙏🙏🙏
ReplyDeletekush k vansaj h na Sir pundir
ReplyDeleteSir starting kaha se h hmare vans ki
ReplyDeleteSikandrarao District Hathras ke Pundhiro ka gotra kya hai
ReplyDeleteParashar
DeleteSurya
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